भारत के अब तक के सबसे बड़े एयर शो में, देश की एयरलाइंस नागरिक मांग को पूरा करने के लिए विमान खरीद को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। भारत वैश्विक विमान निर्माताओं पर साझेदारी के लिए और स्थानीय स्तर पर अधिक उत्पादन करने के लिए भी दबाव डाल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को कहा कि देश अगले दो वर्षों में अपने वार्षिक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर कर देगा। जैसा कि प्रमुख हथियार कंपनियां बेंगलुरु में पांच दिवसीय द्विवार्षिक एयरो इंडिया एयर शो में आती हैं, देश विभिन्न रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य बना रहा है।
सरकार ने कहा है कि वह छोटी घरेलू कंपनियों और स्टार्ट-अप्स को बड़े वैश्विक रक्षा उत्पादों के पुर्जे बनाने और संयुक्त उत्पादन के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रेरित करेगी। भारत दशकों से रक्षा उपकरणों में, दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक रहा है, हालांकि अब यह वैश्विक हथियार निर्यात बाजार का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने एयर शो में अपने भाषण में कहा कि भारत आज केवल रक्षा कंपनियों के लिए एक बाजार नहीं है, बल्कि यह एक संभावित रक्षा भागीदार भी है। पीएम ने भारत के निजी क्षेत्र से देश के रक्षा क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश करने का आह्वान किया।
भारत दुनिया को विभिन्न रक्षा उपकरणों का निर्यात करता रहा है जिसमें फिलीपींस, मॉरीशस और इक्वाडोर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) (HIAE.NS) ध्रुव हेलीकॉप्टर और फिलीपींस को रूस-भारत उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें शामिल हैं। बेंगलुरु में एयर शो में निर्यात के लिए तेजस, ध्रुव, एचटीटी-40 प्रशिक्षण विमान, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर सहित स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने की संभावना है।
Author @AnkushPrakash