गुजरात केबल ब्रिज के हादसे में हुई अब तक 141 लोगो की मौत ।
गुजरात के मोरबी ब्रिज के टूटने से 141 लोगो की हुई मौत और 177 लोगो को अभी तक रेस्क्यू किया गया है । यह हादसा रविवार 30 अक्टूबर को हुआ है । रविवार शाम को इस पुल पर करीब 500 लोग जमा हुए थे जिसकी वजह से यह पुल सभी लोगो का बोझ झेल नहीं पाया और इसलिए यह टूट के गिर गया। रेस्क्यू टीम लगातार लोगो को बचाने में लगी हुई वही ब्रिज मैनेजमेंट और ब्रिज बनाने वाली कंपनी के खिलाफ जानबूझ कर हत्या का मामला का केस दर्ज कर दिया गया है।
31 अक्टूबर को गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया की आई जी पी रैंक के अधिकारी के लीडर ने इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा है की जितने भी पीड़ित है उन सभी के परिवार को 6 – 6 लाख रूपए मुआवज़े के तौर पर दिया जाएगा । उन्होंने यह भी कहा की नौसेना, एनडीआरएफ , एयर फोर्स और आर्मी घटना के होने के बाद फ़ौरन वह पोहच गयी थी और रात भर लोगो के बचाव में लगे रह। करीब 200 से ज्यादा जवान रात भर रहत कार्यो में लगे रहे। गुजरात पुलिस की मरीन टास्क फोर्स ने रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है जिनके साथ नौसेना, सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, और फायर ब्रिगेड की टीम भी है।
इस हादसे की सबसे बड़ी खबर यह आ रही है की जिन 141 लोगो की मौत की पुष्टि की गयी है उनमे से 40 सिर्फ बच्चे ही है और यह भी खबर आ रही है की इस हादसे में सबसे ज्यादा बच्चो की मौत हुई है।
बताया जा रहा है की बीजेपी सांसद मोहन कुंडारिया के परिवार वालों की भी हादसे में मौत हो गयी है जिसमे उनकी बहन का परिवार, बेहेन की जेठानी के परवार की भी मौत हो गायी।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस घटना पर दुख जताया है और पीड़ित परिवार को राशि देने की घोषणा की है।
हादसे के बाद गुजरात सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिस पर कोई भी कॉल करके हादसे की जानकारी जान सकता है 02822243300 ।
बताया जा रहा है यह पुल 140 साल पुराना है जो मचछू नदी पर बना हुआ था । यह गुजरात की टूरिस्ट प्लेसेस में से एक थी । यहाँ रोज़ बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे क्युकी यह पुल राम लक्ष्मण झूले जैसा पुल था और यह पल झूलता भी रहता था। बताया जाता है की इस पुला का निर्माण सन् 1880 में पूरा हुआ था और इस पुल का उद्धघाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। इस पुल को बनाने में कुल 3.5 लाख रूपए खर्च हुए थे ।
येह पुल पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से बंद पड़ा था और इसकी मरम्मत के बाद 4 दिन पहले ही इसे खोला गया था 25 अक्टूबर को ।
मरम्मत के दौरान इस पुल में 2 करोड़ रूपए खर्च हो गये। इस केबल ब्रिज हादसे के बाद कई तरह तरह से सवाल उठ रहे है।