जन्मदिवस पर चीते का तोहफा, क्या 2024 चुनाव जीतने में मदद करेगा?

जन्मदिवस पर चीते का तोहफा, क्या 2024 चुनाव जीतने में मदद करेगा?

जन्मदिवस पर चीते का तोहफा, क्या 2024 चुनाव जीतने में मदद करेगा?

सत्रह सितंबर यानी कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन। हर साल मोदी जी के जन्मदिन पर कुछ ना कुछ अनोखा जरूर होता है इस साल स्वयं नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा किया जिससे कि भारत का सत्तर साल का इंतजार खत्म हो गया है। जी हाँ सत्तर साल का इंतजार अब आप पूछेंगे ये क्यों हुआ है? बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी होगी और बहुत से लोगों को नहीं होगी। लेकिन जिन्हें जानकारी है उन्हें भी कुछ अच्छे तथ्यों को जानने के लिए इस वीडियो को देखना चाहिए।

तो चलिए जानते हैं, नमस्कार स्वागत है आपका प्रकाशशील भारत पर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से भारत पहुंचे चीते को मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ दिया है। अब इन्हें एक महीने तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। चीते छोड़ने के बाद पीएम ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। दशकों बाद हमारी धरती पर चीता लौट आया है। उन्होंने कहा कि हमारा दुर्भाग्य रहा कि हमने उन्नीस सौ बावन में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया। लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। उन्होंने लोगों से चीता देखने के लिए धैर्य रखने की अपील की। उन्होंने कहा चीता मेहमान बनकर आए हैं।

यहाँ से अनजान है ये नेशनल पार्क को अपना घर समझे। इसके लिए हमें उन्हें थोड़ा सा तो समय देना ही होगा। हमारे यहाँ एशियाई शेरों की संख्या में इजाफा हुआ है। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है। इसमें दर्शकों की मेहनत जन भागीदारी और रिसर्च बेस्ड पॉलिसी का बड़ा हाथ है। हमने संकल्प लिया था कि संघर्ष घटाएंगे और संख्या बढ़ाएंगे। असम में एक समय में एक सिंह वाले गैंडों पर खतरा मंडरा रहा था, आज उनकी संख्या में वृद्धि है। भारत ही नहीं दुनिया में करोड़ों लोगों का जीवन वेटलैंड ecology पर निर्भर करता है। आज देश में पचहत्तर weightland site है। प्रधानमंत्री का कहना था कि अतीत हमें सुनहरे भविष्य का मौका देता है। चीते मानव मूल्यों से अवगत करवाएंगे। हमारे वैज्ञानिकों ने साउथ अफ्रीका और नामिबिया के expert के साथ मिलकर काम किया।

पूरे देश में चीते के लिए वैज्ञानिक सर्वे किया गया है। आज हमारी वो मेहनत परिणाम के स्वरूप में है। जब प्रकृति और का संरक्षण होगा तब हमारा विकास समृद्ध होगा। कोनो नेशनल पार्क में जब चीते दौड़ेंगे तो यहाँ का इकोसिस्टम बढ़ेगा। यहाँ टूरिज्म रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में तीन चीतों को छोड़ा है, इसके बाद पीएम ने खुद चीतों के साथ तस्वीरें ली है। से आए आठ चीतों को एक महीने तक क्वारंटाइन रखा जाएगा, जैसा कि आपको पहले बताया। चीता मित्र गाँव-गाँव घूमकर लोगों चीते के बारे में जानकारी भी दे रहे हैं, उन्हें बताया जा रहा है कि अगर चीता नेशनल पार्क से बाहर निकलेगा तो इस स्थिति में उन्हें क्या करना है। चीता मित्रों के अलावा वन विभाग की टीम भी लगातार पेट्रोलिंग करेगी।



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